Homeराज्यछत्तीसगढ़आज का दिन ऐतिहासिक, दंड के स्थान पर न्याय को प्राथमिकता देने...

आज का दिन ऐतिहासिक, दंड के स्थान पर न्याय को प्राथमिकता देने वाले कानून देशभर में लागू : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय

मुख्यमंत्री ने तीन नए आपराधिक कानूनों पर आधारित पुस्तक का किया विमोचन

छत्तीसगढ़ पुलिस की इस विशेष पहल से नवीन कानूनों को समझना होगा आसान

पुलिस अधिकारियों और विवेचकों के लिए महत्वपूर्ण संदर्भ होगी यह पुस्तक

अपराधों की विवेचना में भी होगी उपयोगी

भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम आज से प्रभावशील

मुख्यमंत्री के निर्देश पर प्रदेश भर के पुलिस थानों में उत्सव की तरह मनाया गया आज का दिन

नए कानून लागू होते ही 2 एफआईआर और एक मर्ग हुआ दर्ज

रायपुर। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने कहा है कि आज 1 जुलाई 2024 हमारे देश के लिए एक ऐतिहासिक दिन है। आज से देश भर में तीन नए आपराधिक कानून लागू हो रहे हैं। ये सभी कानून डेढ़ सौ वर्ष पहले अंग्रेजों द्वारा लागू कानूनों के स्थान पर प्रभावशील होंगे। यह परिवर्तन हमारे प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी और गृहमंत्री श्री अमित शाह के दृढ़ संकल्पों को दर्शाता है। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय आज अपने निवास कार्यालय रायपुर में गृह विभाग द्वारा नवीन आपराधिक कानूनों पर आधारित पुस्तिका के विमोचन के मौके पर यह बातें कही।

मुख्यमंत्री श्री साय ने गृह विभाग के अधिकारियों की सराहना करते हुए कहा कि आप सभी ने जागरूकता और प्रशिक्षण की दृष्टि से बहुत अच्छा प्रयास किया है। ये तीनों कानून सभी नागरिकों को न्याय प्रदान करने के उद्देश्य से बनाए गए हैं और प्रदेश में इसका बेहतर क्रियान्वयन हो, यह सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने कहा कि भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता एवं भारतीय साक्ष्य अधिनियम के नाम में ही इनके उद्देश्य भी समाहित हैं। इनमें दंड के स्थान पर न्याय को प्राथमिकता दी गई है। ये कानून भारत सरकार की न्याय और सुरक्षा की गारंटी को पूरा करने की ओर एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।

गौरतलब है कि मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय और उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा के निर्देश पर पूरे प्रदेश के पुलिस थानों में आज के दिन को उत्सव की तरह मनाया जा रहा है। इन कानूनों की जानकारी देने के उद्देश्य से व्यापक स्तर पर लोगों को जागरूक करने की दिशा में पहल की जा रही है।

विमोचन कार्यक्रम में अपर मुख्य सचिव श्री मनोज पिंगुआ और पुलिस महानिदेशक श्री अशोक जुनेजा ने नए कानूनों के प्रदेश स्तर पर बेहतर क्रियान्वयन के लिए किए जा रहे प्रयासों की जानकारी दी। न्याय दिलाने के उद्देश्य की पूर्ति के लिए अंतर्विभागीय समन्वय के साथ विवेचना और कार्यवाही पर जोर दिया। अधिकारियों ने बताया कि नए कानूनों के अंतर्गत दो एफआईआर और एक मर्ग दर्ज हो चुका है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री के सचिव द्वय श्री राहुल भगत, श्री बसव राजू एस. एवं गृह विभाग के अधिकारीगण भी उपस्थित थे।

गौरतलब है कि नवीन कानून में मुख्यतः औपनिवेशिक कानूनों में बदलाव, महिला सुरक्षा एवं न्याय, आतंकवाद, संगठित अपराध एवं भारत की सम्प्रभुता, एकता एवं अखण्डता के विरूद्ध अपराध, पीड़ित केन्द्रित कानूनी प्रावधान, अनुसंधान में वैज्ञानिक तकनीक, डिजिटल एवं इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य के प्रावधान, न्यायालयीन प्रक्रिया से संबंधित प्रावधान शामिल किए गए हैं। भारतीय दंड संहिता 1860 के स्थान पर भारतीय न्याय संहिता 2023 को अधिसूचित किया गया। भारतीय दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973 के स्थान पर भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 को अधिसूचित किया गया है और भारतीय साक्ष्य अधिनियम 1872 के स्थान पर भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023 को अधिसूचित किया गया है।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

हमसे जुड़ें

0FansLike
0FollowersFollow
0FollowersFollow
0SubscribersSubscribe