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लाल रेखा पार नहीं की जानी चाहिए, खालिस्तानी आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की साजिश पर अमेरिकी राजदूत की दो टूक…

खालिस्तानी आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की साजिश को लेकर भारत और अमेरिका के बीच तनाव कम होने का नाम नहीं ले रहा है। 

भारतीय अधिकारी की कथित संलिप्तता के आरोपों पर अमेरिकी राजदूत ने कहा कि दोनों देश इस मामले में मिलकर काम कर रहे हैं।

हालांकि किसी भी देश का कोई भी सरकारी कर्मचारी दूसरे देश के नागरिक की हत्या की साजिश में शामिल नहीं हो सकता। मुझे लगता है कि यह बहुत महत्वपूर्ण है। यह एक ऐसी लाल रेखा है, जिसे पार नहीं किया जाना चाहिए।

चार महीने पहले अमेरिका की न्यूयॉर्क पुलिस ने एक चार्जशीट सार्वजनिक की थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि पन्नू की हत्या की साजिश रची गई, जिसमें भारतीय सरकारी अधिकारी की संलिप्तता थी। 

अमेरिकी पुलिस ने अपनी चार्जशीट में दावा किया था कि भारतीय अधिकारी के कहने पर निखिल नाम के एक शख्स ने कॉन्ट्रैक्ट किलर से संपर्क किया और उसे पन्नू की हत्या की सुपारी दी।

लेकिन, जिस किलर से संपर्क किया गया, वह अमेरिकी पुलिस का मुखबीर था, जिससे यह बात अमेरिकी पुलिस तक पहुंच गई। पन्नू की हत्या के लिए 83 लाख की डील के भी दावे किए गए। अमेरिका के इन आरोपों पर भारत ने तुरंत प्रतिक्रिया दी और जांच कमेटी का आदेश दिया। 

अब इस मसले पर भारत में अमेरिकी राजदूत एरिक गार्सेटी ने बयान दिया है। एएनआई को दिए इंटरव्यू में एरिक ने कहा कि पन्नू की हत्या की साजिश की जांच में दोनों देश मिलकर काम कर रहे हैं।

अमेरिकी धरती में भारत के खिलाफ खालिस्तानी विरोध और पन्नू द्वारा लगातार धमकियां जारी करने के सवाल पर गार्सेटी ने कहा कि अमेरिकी प्रणाली “बेहतर या बदतर” दोनों स्थितियों में प्रीडम स्पीच की रक्षा करती है। एक अमेरिकी नागरिक को केवल उसके देश के कानूनों के अनुसार ही दोषी ठहराया जा सकता है।

बता दें कि गुरपतवंत सिंह पन्नू भारत में एक कुख्यात आतंकवादी है, जिसके पास अमेरिकी और कनाडाई नागरिकता है। वह कई बार भारत के खिलाफ धमकियां दे चुका है।

पिछले साल पन्नू ने 13 दिसंबर को संसद हमले की बरसी पर भारतीय संसद पर हमले की धमकी दी। इसके अलावा आईपीएल मैच और वर्ल्ड कप में भारत-पाकिस्तान क्रिकेट मैच को लेकर भी उसने धमकियां जारी की थी।

किसी भी देश को लाल रेखा पार नहीं करनी चाहिए
एएनआई के साथ इंटव्यू में, गार्सेटी ने कहा, “किसी अमेरिकी नागरिक को अमेरिकी अदालत में दोषी ठहराए जाने या किसी अन्य देश में आपराधिक मामले के लिए निर्वासित किए जाने के लिए हमारे कानून के अनुरूप होना होगा और इसलिए हम काम करना जारी रखेंगे।”

पन्नू की हत्या की कथित साजिश की चल रही जांच का जिक्र करते हुए, गार्सेटी ने कहा कि यह सच है कि नई दिल्ली और वाशिंगटन आपराधिक कार्रवाई के पीछे के लोगों को पकड़ने के लिए मिलकर काम कर रहे हैं, जो दर्शाता है कि वर्तमान में भारत-अमेरिका संबंध कितने मजबूत और करीबी हैं हालांकि, ‘लाल रेखा’ को पार नहीं किया जाना चाहिए और किसी भी देश का कोई भी सरकारी कर्मचारी किसी विदेशी नागरिक की हत्या की साजिश में शामिल नहीं हो सकता है। मुझे लगता है कि यह बहुत महत्वपूर्ण है।”

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