Homeधर्मवट सावित्री व्रत के दिन 2 दुर्लभ संयोग...इस मुहूर्त में करें पूजा,...

वट सावित्री व्रत के दिन 2 दुर्लभ संयोग…इस मुहूर्त में करें पूजा, प्रभाव होगा दो गुना

वाराणसी : ज्येष्ठ माह की अमावस्या तिथि को वट सावित्री व्रत रखा जाता है. इस बार यह व्रत 6 जून को मनाया जाएगा. इस दिन वट वृक्ष के नीचे पूजा करने का विधान है. धार्मिक मान्यता के अनुसार सुहागिन महिलाएं इस दिन व्रत रखकर वट वृक्ष की पूजा कर पति के दीर्घायु जीवन के साथ परिवार में सुख-समृद्धि के लिए प्रार्थना करती हैं. मान्यता है कि बट वृक्ष में ब्रह्मा, विष्णु और महेश तीनों देवों का वास होता है. बट सावित्री व्रत से घर में सुख-समृद्धि के योग बनते हैं और रुके हुए कार्य पूरे होते हैं.

काशी के ज्योतिषाचार्य पंडित संजय उपाध्याय ने बताया कि सनातन धर्म में पंच वृक्षों का बहुत महत्व है. वट वृक्ष भी पंच वृक्षों में से एक है. यह वृक्ष हमारे वातावरण को स्वच्छ रखता है. धार्मिक मान्यता के अनुसार, वट वृक्ष के नीचे इस दिन कथा का विधान है. वैज्ञानिक दृष्टि से भी देखा जाए तो वट वृक्ष हमारे वातावरण को स्वच्छ रखता है.

कहां कौन देवता हैं विराजमान
पंडित संजय उपाध्याय ने बताया कि धार्मिक मान्यता है कि बट वृक्ष में ब्रह्मा, विष्णु और महेश तीनों देवों का वास होता है. वट वृक्ष के मूल में ब्रह्मा, अग्र भाग में भगवान शंकर और मध्य में विष्णु का वास होता है .इसके अलावा पूरे वृक्ष में देवी सावित्री का वास होता है. इतना ही नहीं वट वृक्ष के पत्ते पर भगवान कृष्ण अवतरित होते हैं. इसलिए सनातन धर्म में वट वृक्ष को देव वृक्ष भी कहा कहा जाता है.

वट सावित्री व्रत के दिन पूजा पूजा का शुभ मुहूर्त
पंडित संजय उपाध्याय ने बताया कि वट सावित्री व्रत के दिन पूजा के लिए सबसे शुभ समय सुबह 8 बजकर 2 मिनट से शुरू हो रहा है जो 10 बजकर 18 मिनट तक रहेगा. इसके अलावा इस दिन अभिजीत मुहूर्त में भी आप वट वृक्ष की पूजा कर सकते हैं.

बन रहे शुभ संयोग
पंडित संजय उपाध्याय ने बताया कि इस बार वट सावित्री का व्रत 6 जून को रखा जाएगा. इस दिन कई शुभ संयोग भी बन रहे हैं. पंचांग के अनुसार इस दिन धृति योग के साथ शिववास योग का निर्माण हो रहा है. जो इस व्रत के प्रभाव को दोगुना कर देगा.
 

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

हमसे जुड़ें

0FansLike
0FollowersFollow
0FollowersFollow
0SubscribersSubscribe