Homeराज्यछत्तीसगढ़छत्तीसगढ़ कांग्रेस ने बीजापुर-पिडिया मुठभेड़ को बताया फर्जी, HC जज की निगरानी...

छत्तीसगढ़ कांग्रेस ने बीजापुर-पिडिया मुठभेड़ को बताया फर्जी, HC जज की निगरानी में न्यायिक जांच की मांग

बीजापुर.

छत्तीसगढ़ के प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस ने बीजापुर में 10 मई को हुई कथित मुठभेड़ को फर्जी बताते हुए उसमें मारे गए 12 लोगों मौत की जांच के लिए हाई कोर्ट के जज की निगरानी में न्यायिक जांच की मांग की है। इस बारे में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने शनिवार को रायपुर में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि मुठभेड़ के संबंध में ग्रामीणों ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए हैं और इसलिए इस मामले की उच्च स्तरीय जांच की जरूरत है।

10 मई को हुई इस कथित मुठभेड़ के एक दिन बाद स्थानीय ग्रामीणों, मृतकों के परिवार के सदस्यों और कार्यकर्ताओं ने पुलिस पर फर्जी मुठभेड़ करने का आरोप लगाया था। साथ ही पुलिस के आरोपों को खारिज करते हुए कहा था कि मारे गए लोग माओवादी नहीं थे। इसके बाद 13 मई को कांग्रेस ने मुठभेड़ की जांच के लिए पूर्व विधायक संतराम नेताम की अध्यक्षता में एक जांच टीम का गठन किया था, जो 16 मई को पिडिया गांव के दौरे पर गई थी।

दो सक्रिय सदस्य थे, बाकी नक्सली नहीं थे
दीपक बैज ने आगे कहा, 'मृतकों के परिवार के सदस्यों ने हमारी जांच टीम को बताया कि मारे गए उन 12 लोगों में से मल्लेपल्ली गांव का बुधु ओयम और पलनार गांव का कल्लू पुनेम माओवादियों के 'संघम' का सक्रिय सदस्य थे, जबकि बाकी अन्य लाखे कुजम, उंदा छोटू, उर्सा छोटू, सुक्कू टाटी, चैतु कुंजाम, सुनीता कुजम, जागो बरसी इत्तेवार गांव के मूल निवासी थे। वहीं सन्नू अवलम, भीमा ओयम, दुला तमो पिडिया के निवासी थे लेकिन माओवादी नहीं थे।'

तेंदूपत्ता तोड़ने गए थे, तभी पुलिस ने गोलियां चलाईं
'इसके अलावा कुंजम गुल्ली, लेखा देवी, कुंजम जिला, कुंजम बदरू जो कि इत्तावर गांव के रहने वाले थे और पिडिया गांव के पोयम नंदू जो गोलीबारी में घायल हुआ था, उनका भी माओवादियों से कोई लेना-देना नहीं था। ग्रामीणों के अनुसार, 10 मई की सुबह 6 बजे पुलिस ने ग्रामीणों पर उस वक्त गोलियां चलाईं जब वे तेंदूपत्ता तोड़ने के लिए जंगल में गए हुए थे।'

कांग्रेस बोली- निष्पक्ष जांच हो
बैज ने कहा, 'ग्रामीणों द्वारा पुलिस पर लगाए गए आरोप बहुत गम्भीर और संवेदनशील हैं। आरोपों की गम्भीरता को देखते हुए यह जरूरी है कि इस मामले की उच्च स्तरीय निष्पक्ष जांच कराई जाए।' इसके बाद उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी यह मांग करती है कि मुठभेड़ की जांच हाई कोर्ट के मौजूदा न्यायाधीश की निगरानी में कराई जाए।

पुलिस ने बताया था इनामी नक्सली
इससे पहले 10 मई को पुलिस ने नक्सल विरोधी अभियान के दौरान बीजापुर जिले के गंगालूर पुलिस स्टेशन के अंतर्गत आने वाले पिडिया गांव के एक जंगल में 12 नक्सलियों को मार गिराने का दावा किया था। इसके साथ ही पुलिस ने सभी मृत नक्सलियों की पहचान करते हुए कहा था कि वे सभी इनामी नक्सली थे।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

हमसे जुड़ें

0FansLike
0FollowersFollow
0FollowersFollow
0SubscribersSubscribe