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काले घोड़े की नाल और सरसों तेल के साथ करें ये उपाय, खुश हो जाएंगे नाराज शनिदेव

ज्योतिष शास्त्र में शनि देव को सबसे क्रूर और कष्ट देने वाला ग्रह बताया जाता है .साथ ही शनिदेव “न्याय के देवता” हैं जो लोगों को उनके अच्छे या बुरे कर्मों के आधार पर फल देते हैं. शनिदेव “ग्रहों के देवता” सूर्य देव के पुत्र और यमराज के बड़े भाई हैं. कहा जाता है कि शनि देव की दृष्टि जिस पर भी पड़ती है उसका कल्याण हो जाता है. शनि देव की साढ़ेसाती या ढैया जिन राशियों पर चलती है उन पर शनि देव का विशेष प्रभाव रहता है. शनिदेव की ढैया उनकी मूल राशि कुंभ पर चल रही है. यदि कुंभ राशि के जातकों द्वारा ज्योतिष शास्त्र में बताई गई विधि से उपाय किया जाए तो उन पर शनि देव प्रसन्न होकर सभी कष्ट का निवारण कर देते हैं. शनि देव की ढैया उनकी ही राशि कुंभ पर चल रही है साथ ही कर्क और मकर राशि के जातक इससे प्रभावित होंगे.

हरिद्वार के ज्योतिषी श्रीधर शास्त्री बताते हैं कि शनि देव अच्छे या बुरे कर्मों के आधार पर ही फल देते हैं. यदि जातकों के द्वारा बुरे कर्म किए गए हैं तो उन पर शनिदेव की कु-दृष्टि पड़ती है जिससे उनके जीवन में दुख और परेशानियां आती रहती हैं. वहीं यदि जातकों द्वारा अच्छे और सत्कर्म किए गए हो तो उन पर शनिदेव प्रसन्न होकर उन्हें धन दौलत आदि सभी प्रदान कर देते हैं. यदि नित्य प्रतिदिन शनि देव के बीज मंत्र और वैदिक मंत्रों का जाप 108 बार (एक माला) किया जाए तो शनि देव प्रसन्न रहते हैं. शनि देव केनिमित्त पूजा-पाठ हवन आदि करने का विधान बताया गया है. शनिदेव की पूजा शाम को करना विशेष फलदाई होता है.

शनिदेव के निमित्त यह करें उपाय
श्रीधर शास्त्री बताते हैं कि शनि देव के निमित्त पूजा-पाठ, हवन, वैदिक और बीज मंत्र का जाप शाम के समय करना अच्छा माना जाता है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शनि देव के निमित्त उनके बीज मंत्र और वैदिक मंत्र का जाप करने से बहुत लाभ प्राप्त होता है. यदि आप शनिदेव जनित कष्टों से छुटकारा पाना चाहते है तो शनि देव के निमित्त दान और दशरथ कृत शनिदेव स्त्रोत का पाठ करना विशेष लाभकारी होता है. वहीं शनि देव के निमित्त काले और नीले वस्त्र, काले तिल, काली उड़द, काला कंबल आदि दान करने से भी शनिदेव जनित कष्टों से छुटकारा मिलता हैं.

शाम में करें ये पूजा
श्रीधर शास्त्री बताते हैं कि शनि देव जनित कष्टों से छुटकारा पाने के लिए जातकों को विशेष रूप से रोजाना शाम को पीपल के वृक्ष के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाना चाहिए. धार्मिक ग्रंथो के अनुसार पीपल के वृक्ष के नीचे भगवान ब्रह्मा का वास होता है और पीपल के वृक्ष में अन्य देवी देवताओं का भी वास रहता है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार भगवान ब्रह्मा की पूजा करने से शनि देव का क्रोध शांत हो जाता है और वह केवल शुभ फल देते हैं..

काले घोड़े की नाल से बनी अंगूठी से होगा लाभ
श्रीधर शास्त्री बताते हैं कि ज्योतिष शास्त्र के अनुसार काले घोड़े की नाल से बनी अंगूठी सीधे हाथ की मध्य उंगली में पहनने से भी लाभ प्राप्त होता है. शनिवार के दिन सरसों का तेल और अपने सामर्थ्य के अनुसार 1, 5, 10 या 20 रुपए का सिक्का दान जरूर करें. साथ ही दान करते हुए सरसों के तेल में अपनी दोनों आंखें जरूर देखें और शनि देव के बीज मंत्र का जाप मन ही मन करते रहें इससे शनिदेव प्रसन्न होते हैं.
 

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