Homeविदेशबोला पेंटागन, भारत-अमेरिका के बीच बढ़ रही सैन्य साझेदारी

बोला पेंटागन, भारत-अमेरिका के बीच बढ़ रही सैन्य साझेदारी

अमेरिका ने साझेदारी की पहली वर्षगांठ पर कहा कि भारत-अमेरिका रक्षा त्वरण पारिस्थितिकी तंत्र (इंडस-एक्स) रक्षा नवाचार में द्विपक्षीय रिश्तों का विस्तार करने में सबसे आगे रहा है। इंडस-एक्स ने महत्वपूर्ण और उभरती प्रौद्योगिकी पहल के तहत रक्षा नवाचार के निर्माण के लिए दोनों रणनीतिक साझेदारों की प्रतिबद्धता को आगे बढ़ाया है।
इंडस-एक्स भारत और अमेरिका के बीच रणनीतिक और रक्षा साझेदारी को बढ़ाने के लिए प्रस्तावित एक रक्षा पहल है। यह पहल इनिशिएटिव ऑन क्रिटिकल एंड इमर्जिंग टेक्नोलॉजीज (iCET) के तहत आती है।भारत और अमेरिका के बीच रणनीतिक और रक्षा साझेदारी बढ़ाने के लिए इंडस-एक्स को पिछले साल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की वाशिंगटन की राजकीय यात्रा के दौरान अमेरिकी रक्षा विभाग और भारतीय रक्षा मंत्रालय द्वारा लॉन्च किया गया था। पिछले कुछ वर्षों से भारत-अमेरिका के बीच रक्षा और रणनीतिक संबंध तेजी से बढ़े हैं और दोनों देशों में कई प्रमुख सुरक्षा व रक्षा समझौते किए हैं। रक्षा मंत्रालय ने कहा कि जून 2023 में अमेरिका की राजकीय यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच रक्षा नवाचार को बढ़ावा देने के लिए भारत-अमेरिकी डिफेंस एक्सीलरेशन ईकोसिस्टम (इंडस-एक्स) को शुरू किया गया था। रक्षा विभाग के अधिकारी ने शुक्रवार को कहा, 'अपने पहले वर्ष में, इंडस-एक्स ने महत्वपूर्ण और उभरती प्रौद्योगिकी (आईसीईटी) पहल के तहत रक्षा नवाचार के निर्माण के लिए दोनों देशों की प्रतिबद्धता को आगे बढ़ाया है।' उन्होंने आगे कहा, 'इंडस-एक्स ने रक्षा प्रौद्योगिकी कंपनियों, निवेशकों और शोधकर्ताओं के बीच साझेदारी को सुविधाजनक बनाकर अमेरिका और भारत के बीच निजी क्षेत्र के सहयोग को मजबूत किया है।'

सितंबर में होगा तीसरा सम्मेलन

व्हाइट हाउस की हालिया घोषणा का हवाला देते हुए एक अधिकारी ने कहा कि तीसरा इंडस-एक्स शिखर सम्मेलन सितंबर 2024 में सिलिकॉन वैली में होगा, जिसमें रक्षा नवाचार के लिए निजी पूंजी का इस्तेमाल करने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। शिखर सम्मेलन की सह-मेजबानी यूएस-इंडिया स्ट्रेटेजिक पार्टनरशिप फोरम (USISPF) और स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी द्वारा की जाएगी। दोनों देशों ने पिछले कुछ वर्षों में कई रक्षा और सुरक्षा समझौते किए हैं, जिसमें 2016 में लॉजिस्टिक्स एक्सचेंज मेमोरेंडम ऑफ एग्रीमेंट (एलईएमओए) भी शामिल है, जो उनकी सेनाओं को मरम्मत और आपूर्ति की पुनःपूर्ति के लिए एक-दूसरे के अड्डों का उपयोग करने की अनुमति देता है। दोनों पक्षों ने 2018 में कॉमकासा (संचार संगतता और सुरक्षा समझौता) पर भी हस्ताक्षर किए, जो दोनों सेनाओं के बीच अंतर-क्षमता प्रदान करता है और अमेरिका से भारत को उच्च-स्तरीय प्रौद्योगिकी की बिक्री का भी प्रावधान करता है। अक्तूबर 2020 में भारत और अमेरिका ने द्विपक्षीय रक्षा संबंधों को और बढ़ावा देने के लिये बेसिक एक्सचेंज एंड कोऑपरेशन एग्रीमेंट समझौते पर मुहर लगाई। यह समझौता दोनों देशों के बीच उच्च स्तरीय सैन्य तकनीक, रसद और भू-स्थानिक मानचित्रों को साझा करने का प्रावधान करता है।

इंडस-एक्स क्या है?

इंडस-एक्स भारत और अमेरिका के बीच रणनीतिक और रक्षा साझेदारी को बढ़ाने के लिए प्रस्तावित एक रक्षा पहल है। यह पहल इनिशिएटिव ऑन क्रिटिकल एंड इमर्जिंग टेक्नोलॉजीज के तहत आती है। जानकारी के मुताबिक, इंडस-एक्स के शुभारंभ के संबंध में प्रारंभिक चर्चा जून 2021 में हुई थी। यूएस इंडिया बिजनेस काउंसिल (यूएसआईबीसी), अमेरिकी रक्षा विभाग और भारत के रक्षा मंत्रालय के साथ साझेदारी में यूएस चैंबर ऑफ कॉमर्स में 20-21 जून को पहले इंडस-एक्स सम्मेलन की मेजबानी करेगा। यह जानकारी यूएसआईबीसी के अध्यक्ष अतुल केशप ने मंलवार को दी। बता दें कि यह यूएस-इंडिया बिजनेस काउंसिल की ही एक पहल थी, जिसका फोकस अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी सहयोग को आगे बढ़ाने पर है। इंडस-एक्स का उद्देश्य अमेरिका और भारतीय रक्षा नवाचार क्षेत्रों के बीच साझेदारी को गहरा करना है। इंडस-एक्स हाई-टेक सहयोग को आगे बढ़ाने और रक्षा क्षेत्र में संयुक्त अनुसंधान, विकास और उत्पादन के अवसरों को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित करेगा। पहल का उद्देश्य सह-उत्पादन जेट इंजन, लंबी दूरी की तोपखाने और पैदल सेना के वाहनों के लिए संभावनाओं का पता लगाना है। अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन ने एक बयान में कहा था, 'हम न केवल प्रौद्योगिकी साझा कर रहे हैं, बल्कि हम एक दूसरे के साथ पहले से कहीं अधिक सहयोग भी कर रहे हैं।' इसके महत्व पर अमेरिकी रक्षा विभाग ने एक बयान में कहा, 'इस पहल का उद्देश्य अमेरिका और भारतीय रक्षा क्षेत्रों के बीच सहयोग के परिप्रेक्ष्य को बदलना है।'

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

हमसे जुड़ें

0FansLike
0FollowersFollow
0FollowersFollow
0SubscribersSubscribe